भोजपुरी जनता
द्वारा बोलल जाए वाला कुछ हिंदी में अनुवादित मुहावरा, भोजपुरी न समझे
वाला लोगन के भी इ समझ आवे एह्लिये एकर हिंदी अनुवाद और अर्थ भी दिहल जात हवे | इ सब कहावत
भोजपुरिया समाज के गाँव अउर आस पास के क्षेत्रन में आसानी से सुनल जा सकेला, एही खातिर इ सब
मुहावरा अउर कहावत में समाज और माटी के भीना-भीना सुगंध भी मिलल हवे | कवनो समाज के
अगर पूरा तरह जाने के होखे त ओ समाज के मुहावरा और कहावत सुने के चाही काहें से कि
एक-एक मुहावरा अउर कहावत में ओह समाज के चिंतन अउर जीवन के सार भरल होला | त प्रस्तुत बा
कुछ भोजपुरी कहावत और मुहावरा ...
०१ :- कुत्ता
काटे अनजान के अउरी बनिया काटे पहचान के।
अर्थ- कुत्ता
अपरिचित को काटता है और बनिया पहचान वाले को ठगता है।
०२ :- बिधी के
लिखल बाँव ना जाई।
अनुवाद- विधि का
लिखा गलत नहीम होगा।
अर्थ- विधि का
लिखा अवश्य घटित होगा।
०३ :- गइल माघ
दिन ओनतीस बाकी।
अनुवाद- गया माघ
दिन उनतीस बाकी।
अर्थ- समय
(अच्छा हो या बुरा) व्यतीत होते देर नहीं लगती।
०४ :- गाइ ओसर
अउरी भँइस दोसर।
अनुवाद- गाय
पहलौठी और भैंस दूसरे।
अर्थ- पहली बार
ब्याई हुऊ गाय और दूसरी बार ब्याई हुई भैंस अच्छी मानी जाती हैं।
०५ :- जेकरी
छाती बार नाहीं, ओकर एतबार
नाहीं।
अनुवाद- जिसके
सीने पर बाल नहीं, उसका भरोसा नहीं।
अर्थ- जिस मर्द
के सीने पर बाल न हो, उसका भरोसा नहीं करना चाहिए।
०६ :- मुरुगा ना
रही त बिहाने नाहीं होई।
अनुवाद- मुर्गा
नहीं रहेगा तो सुबह नहीं होगी।
अर्थ- किसी के
बिना कोई काम नहीं रुकता।
०७ :- देखादेखी
पाप अउरी (और) देखादेखी धरम।
अर्थ- देखादेखी
लोग अच्छे और बुरे कर्म करते हैं।
०८ :- जे केहु
से ना हारे उ अपने से हारेला।
अनुवाद एवं
अर्थ- जो किसी से नहीं हारता है उसे किसी अपने (सगे) से हारना पड़ता है।
०९ :- नरको में
ठेलाठेली।
अनुवाद- नरक में
भी ठेलाठेली।
अर्थ- कहीं भी
आराम नहीं।
१० :- चाल करेले
सिधरिया अउरी रोहुआ की सीरे बितेला।
अनुवाद- चाल
करती है सिधरी और रोहू के सिर बितता है।
अर्थ- गल्ती करे
कोई और, पकड़ा जाए कोई
और।
११ :- करजा के
खाइल अउरी पुअरा के तापल बरोबरे हS।
अनुवाद- कर्जा
का खाना और पुआल तापना बराबर होता है।
अर्थ- कर्जा
लेना अच्छा नहीं होता।
१२ :- ढुलमुल
बेंट कुदारी अउरी हँसी के बोले नारी।
अनुवाद- हिलता
बेंत कुदाल का और हँस के बोले नारी।
अर्थ- दोनों से
बचिए, खतरा कर सकती
हैं।
१३ :- कनवा के
देखि के अँखियो फूटे अउरी कनवा बिना रहलो न जाए।
अनुवाद- काना
व्यक्ति को देखकर आँख भी फूटे और उसके बिना काम भी न चले।
अर्थ- ऐसे
व्यक्ति से घृणा करना जिसके बिना काम न चले।
१४ :- हरिकल
मानेला परिकल नाहीं मानेला।
अनुवाद- हड़कल
मान जाता है लेकिन परिकल नहीं मानता है। हड़कल यानि पानी के अभाव में एकदम कड़ा हो
गया (खेत)
जिसमें हल भी नहीं धँसता है ।(परिकल यानि वह व्यक्ति जिसे किसी चीज का चस्का लग
गया हो
और उसके लिए वह
उस काम को बार-बार करता हो)
अर्थ- खेत अगर
हड़क जाए तो उसे धीरे-धीरे खेती योग्य बनाया जा सकता है लेकिन परिकल व्यक्ति कतई
नहीं मानता।
१५ :- जेकर बहिन
अंदर ओकर भाई सिकनदर।
अनुवाद- जिसकी
बहन अंदर उसका भाई सिकंदर।
अर्थ- भाई अपने
विवाहित बहन के घर में बेखौफ आता जाता है।