Monday, July 6, 2015

भोजपुरी कहावत,लोकोक्ति अउर मुहावरा - भाग तीन



भोजपुरी जनता द्वारा बोलल जाए वाला कुछ हिंदी में अनुवादित मुहावरा, भोजपुरी न समझे वाला लोगन के भी इ समझ आवे एह्लिये एकर हिंदी अनुवाद और अर्थ भी दिहल जात हवे | इ सब कहावत भोजपुरिया समाज के गाँव अउर आस पास के क्षेत्रन में आसानी से सुनल जा सकेला, एही खातिर इ सब मुहावरा अउर कहावत में समाज और माटी के भीना-भीना सुगंध भी मिलल हवे | कवनो समाज के अगर पूरा तरह जाने के होखे त ओ समाज के मुहावरा और कहावत सुने के चाही काहें से कि एक-एक मुहावरा अउर कहावत में ओह समाज के चिंतन अउर जीवन के सार भरल होला | त प्रस्तुत बा कुछ भोजपुरी कहावत और मुहावरा ...

०१ :- एगो हरे गाँव भरी खोंखी।
अनुवाद- एक हर्रे,गाँवभर खाँसी।
अर्थ- एक अनार सौ बीमार।

०२ :- बबुआ बड़ा ना भइया, सबसे बड़ा रुपइया।
अर्थ- पैसे का ही महत्व होना।

०३ :- लबर-लबर लंगरो देवाल फानें।
अनुवाद- जल्दी-जल्दी लंगड़ी महिला दीवाल फाँदे ।
भावार्थ :- पारंगत न होते हुए भी आगे बढ़कर कोई काम शुरु कर देना।

०४ :- बूनभर तेल करिआँवभरी पानी।
अनुवाद :- बूँदभर तेल और कमर तक पानी।
भावार्थ :- कम में काम चल जाए फिर भी ज्यादे का उपयोग।

०५ :- गइयो हाँ अउरी भइँसियो हाँ।
अनुवाद :- गाय भी हाँ और भैंस भी हाँ ।
भावार्थ :- गलत या सही का भेद न करते हुए किसी के हाँ में हाँ मिलाना।

०६ :- भगीमाने के हर भूत हाँकेला।
अनुवाद :- भाग्यवान का हल भूत हाँकता (चलाता) है।
भावार्थ :- भाग्यवान का भाग्य आगे-आगे चलता है।

०७ :- दुलारी घिया के कनकटनी नाव।
अनुवाद :- दुलारी बेटी का कनकटनी नाम।
भावार्थ :- ज्यादे दुलार बच्चों को बिगाड़ सकता है।

०८ :- साँचे कहले साथ छुटेला।
अनुवाद :- सच्चाई कहने से साथ छूटता है।
भावार्थ :- सच्चाई कहने से दुश्मनी हो जाती है।

०९ :- साँच के आँच नाहीं लागेला।
अनुवाद :- साँच को आँच नहीं।
भावार्थ :- सच्चा का अहित नहीं होता ना ही डर।

१० :- हँसुआ की बिआहे में खुरपी के गीत।
अनुवाद :- हँसुआ की विवाह में खुरपी का गीत।
भावार्थ :- जहाँ जो करना चाहिए वह न करके कुछ और करना।

११ :- साँपे के काटल रसियो देखी के डेराला।
अनुवाद :- जिसको साँप काट देता है वह रस्सी को भी देखकर डरता है।
भावार्थ :- दूध का जला छाछ भी फूँककर पीता है।

१२ :- जइसन देखीं गाँव के रीती ओइसन उठाईं आपन भीती।
अनुवाद :- जैसा देखें गाँव की रीत वैसा उठाएँ अपनी भीत।
भावार्थ :- समय को देखते हुए काम करें।

१३ :- दूसरे की कमाई पर तेल बुकुआ।
भावार्थ :- दूसरे के पैसे से मौजमस्ती करना।

१४ :- उपास से मेहरी के जूठ भला।
अनुवाद :- उपास से अपनी पत्नी का जूठ अच्छा।
भावार्थ :- बहुत कुछ न होने से कुछ होना भी ठीक है।

१५ :- मारे छोहन छाती फाटे अउरी आँसू के ठेकाने नाहीं।
अनुवाद :- मारे प्रेम से छाती फाटे और आँसू का ठिकाना ही नहीं।

भावार्थ :- दिखावामात्र घड़ियाली आँसू बहाना।



अगिला बाग़ में जारी....

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