कुछे दिन पाहिले जम्मू के रघुनाथ मंदिर जाए के सौभाग्य मिलल | इ रघुनाथ मंदिर उत्तर भारत के सबसे बडहन मंदिर परिसर में से एगो मानन जाला | हलाकि भगवान राम जी एकर अधिष्ठाता देवता हवे पर एह मंदिर में आप एक साथ ३३ करोड देवी देवता के दर्शन कर सकेली | भगवान राम के ही रघुनाथ कहल जला एही से एकर नाम भी रघुनाथ मंदिर पड गईल | एह मदिर के बनवले के काम शुरू भइल १८३५ में जम्मू के ओ समय के महाराज श्रीमान गुलाब सिंह जी के द्वारा | और १८६० में जम्मू महाराज श्रीमान रणवीर सिंह जी एके पूरा करावनी और मदिर के पहिला ट्रस्टी भी बननी | इ मंदिर अपने आप में अनोखा और कला के अद्भुत मिशाल हवे | मंदिर के भीतर एकरे दीवार पर तीन तरफ से सोने के परत चढल बाटे जेकरे वजह से एकरे सुंदरता में चार चाँद लाग जाला | इहा मुख्य मंदिर के चारों ओर कई मंदिर स्थापित बाटे जेकर संबंध रामायण काल के देवी-देवताओ से बाटे | जम्मू के ठीक बीच में स्थापित एह मंदिर के रास्ता रेजिडेंसी रोड से होके जाला और एकरे चारों ओर मंदिर के ही नाम पर रघुनाथ बाजार फइलल बाटे | एह मदिर के देखते ही श्रद्धालु आश्चर्यचकित हो जाने कहे से की इ बा ही एतना कलात्मक |
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रघुनाथ मंदिर |
मुख्य मंदिर पर पहुचते ही आपके कई और मंदिरन के याद आ जाइ खास कर के काशी-विश्वनाथ मंदिर के | जइसे काशी-विश्वनाथ मंदिर में पंडा कुल अपना जाल में श्रद्धालुअन के श्लोक के उच्चारण करत और आपन ज्ञान बघारत फसावे के कोशिश करे न सब | वैसे ही इहा के भी पुजारी श्रद्धालुअन के सामने अक्षत फूल रोली और चन्दन से सजावल थरिया में सौ -पाच सौ के नोट रख के दान और दक्षिणा देवे खातिर एक तरह से उकसावे न सब | आप परिवार के पाच लोगन के साथे जाई चाहे दोस्तन के साथे आपके साथे गइल हर एक के दक्षिणा देवे के दबाव डालल जाई |
पर एह सब से परे जब तक आप मंदिर के प्रांगण में रहब तब तक बहुत ही सुकून और शांति के अहसास होई | एह लिए हमार मानल बा की अगर आप जम्मू जात बानी त एक बार जरुर एह मंदिर में भगवन राम के दर्शन करी और जीवन के धन्य बनाई |