Wednesday, December 24, 2014

भोजपुरी गीतों में अश्लीलता

आज तक हमहन के समाज न ही पुराना खयालात पूरा तरह से छोड़ पवलेबा ना ही नया रीति-रिवाज के पूरा तरह से अपना पवले बा | अजीब से चितकाबर बानर बन गईल बा | अगर आप इ मानत हईं कि गीत- संगीत और सिनेमा समाज के दर्पण होला त इहो मनले में कउनो हरज नहीं होखे के चाही कि भोजपुरी गीतन में अश्लीलता या नंगापन ग्रामीण समाज में फैलल कुंठित भावना के अभिव्यक्ति मात्र ही ह | एगो नजरिया त इहो बा की ग्रामीण समाज दबा के रखे वाला चीजन के लेके सहज महसूस करेला अउर शायद एही से उनके एह अश्लीलता के लेके कउनो ख़ास शिकायत नइखे जवने तारे सभ्य समाज के बा |

बहुत पहिले मनोज तिवारी के एगो अलबम आईल रहे "पूरब के बेटा" ए अलबम के सगरी गाना अइसन बा की आप अपने पूरा परिवार के साथ बैठ के सुन सकेली | ओकरे कुछ समय बाद ही आईल मनोज तिवारी के ही भोजपुरी फिल्म "ससुरा बड़ा पईसा वाला" | यकीन मानी देवरिया के सूरज टाकिज में इ लगातार तीन महिना चलल | एह फिल्म के देखे खातिर ओह समय पूरा गाँव के गाँव आवे | लेकिन एकरे हिट होखले के बाद अचानक से भोजपुरी गानन के भरमार आवे लागल काहे से की मनोज तिवारी पहिले गाना गावत रहने फिर उनकर फिल्म आ गईल | त जल्दी मशहूर होखे के खातिर भोजपुरी गायक दू मतलब (द्विअर्थी) वाला गाना गावल शुरू कइले | फिर ट्रक, टेम्पो और बस वाला सब एह सब गाना के पूरा आवाज में चलावे लगने | और धीरे-धीरे कब इ सब गाना ट्रक, टेम्पो और बस वाला सब से आम इंसान के पास पहुच गईल इ न कहल जा सकेला | आज कम समय में ढेर मशहूर होखे के बा त एगो अलबम अइसन बना दी बस |

आज के भोजपुरी गीत में कल्पनाशीलता के अइसन-अइसन बाण छोड़ल जाला कि महाभारत के अर्जुन और कर्ण भी शर्म से डूब मरे | आज के भोजपुरी गीतन के चोली और लहंगा से त इतना गहरा रिश्ता बन गईल बा कि पूछी मत | जब तक कि गाना में एह दुन्नो के जिकर ना होई तबले गाना नाही पुरा हो सकेला | "मोरे लहंगा में आवे रे भूकम्प ", "लहंगा में सबसे बड़ा ATM", "हमरे लहंगा में मीटर लगा दी राजाजी", "तोहार लहंगा उठा देब रिमोट से" सब से शुरू भईल इ श्रृंखला कब जा के रुकी कहल न जा सकेला | अगर आपके अब्बो लगत होखे की कल्पनाशीलता के कुछ कमी बा त "हाई पॉवर के चुम्बक बाटे इनका दुप्पटा के पीछे" आ "कसम से देह रसगुल्ले  बा" उ कमी पूरा कर दिहें सब | गावें में एक गाना हर इंसान के मोबाइल में मिल जाई "मिस कॉल मारत तारु किस देबू का हो" | विश्वास करीं गावें के इतना विकास भईल कि आजुवो नंगे भईस चरावत आदमी के पास भी एगो महंगा मोबाइल सेट जरुर मिल जाई जेम्मे की कुछ अइसन ही गीत बाजत होई | ओकरे बादो अगर आप नहीं सुन पावत बानी त चिंता न करीं कवनो छोटहन लईका के पकड़ी, उ जरुर सुना देई उहो लाइव | अगर आप कही हिन्दी आ चाहे कौनो और भाषा बोले वाला लोगन के साथे खड़ा बानी त भोजपुरी के नाम लेहला से ही आपके अइसन नजर से देखल जाई की जैसे केतना बडहन गुनाह कर देहले बानी आप | और एकर सबसे बडहन कारन इहे अश्लील गाना हवें सब | एह परिस्थिति के बदले के जरुरत बा |

लोकगीतन के अपने इहाँ बहुत ही समृद्ध परम्परा रहल बा अवधी, बृजभाषा, भोजपुरी, मगही के गीतन के धूम रहल बा जेम्मे की जीवन के हर मोड़ खातिर गाना बा बिरह से लेके मिलन तक के, बचपन से लेके बुढ़ापा तक के, इहाँ तक कि मौसम के हिसाब से भी, जइसे होली के लोकगीत फगुआ से लेके चैता और कजरी तक | अउर एह सब गीतन के पद्मश्री शारदा सिन्हा, भारत शर्मा, मनोज तिवारी और बालेश्वर यादव जइसन गायक नया आयाम दिहलें | अइसे में अश्लीलता के भोजपुरी गीतन पर छा जावल बहुत खलेला | आज के समय में कवनो दुकान पर शायद ही कजरी, चैता या फिर फगुआ के कैसेट या सीडी मिले पर द्विअर्थी गाना के जरुर मिल जाई | पद्मश्री शारदा सिन्हा जी अपने एगो इंटरव्यू में कहले रहनी कि "पैसा के लालच में हम कैसे आपन थाती गवां देई" | बस एक लाइन में उहाँ के द्विअर्थी गाना बनले के सबसे बडहन कारन बता देहलीं |

एगो समय रहे जब भोजपुरी गीत, सुने वाला से इतना गहरा रिश्ता बना लें कि सुने वाला ओम्मे डूब जा कारन बस इ रहे कि ओह समय के गाना सब आपन माती और संस्कृति के असली झलक देखावें | "नदिया के पार" के गाना "कवने दिशा में लेके चला रे बटोहिया" होखे चाहे "बालम परदेशिया" के "गोरकी पतरकी रे" होखे में न त आज के तारे थोपल गईल गंभीरता रहे न ही कवनो तरह के अश्लीलता रहे लेकिन फिर भी आज तक सुने वाला लोगन के ना बस याद ह बाकिर गुनगुनावे पे भी मजबूर करेला |

Saturday, December 20, 2014

अइसन भी होला - एगो अनोखा मान्यता

अपने देश भारत में आज भी कुछ अइसन परम्परा जीवित बाटे जवन की आज के सभ्य कहल जाया वाला समाज के आश्चर्यचकित करेला | अइसन ही एगो परम्परा के बारे में हम आज आप के बतावे जात बानी | ए परम्परा के शुरुवात कईसे भइल इ त आज केहू के ना मालूम बा लेकिन एसे जुडल समुदाय के लोगन के कहल बा की उ एकरे बारे में अपने पूर्वजन से सुनत आवत हवें | हिन्दू धर्म में कउनो सुहागिन आपन सुहाग के निशानी ना छोड सकेले और अगर अइसन होत बा त ओके बहुत ही बडहन अपशगुन मानल जाला | लेकिन ए परम्परा में पति के सलामती के खातिर पत्नी विधवा के जीवन जीयेली | इ परम्परा गछवाहा समुदाय से जुडल बा और इ समुदाय मुख्यतः ताड़ी के पेशा से जुडल ह | इ समुदाय पूर्वी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, देवरिया और एसे सटल बिहार के कुछ इलाका में रहेला |


तरकुलहा देवी (आकाशकामिनी माता )

ताड के पेड़ ५०-६० फिट से भी ऊँचा और एकदम चिकना होला और इ समुदाय के लोग इतना ऊंचाई से ताड़ी निकलले के काम करेने | ताड के पेड़ पर चढ़ के ताड़ी निकलले के काम बहुत ही खतरनाक होला | ताड़ी निकलले के काम चइत ( चैत ) महिना से लेके सावन महिना तक होखेला (कुल चार महीना ) | गछवाहा औरत जिनके की तरकुलारिष्ट भी कहल जाला ए चार महिना में ना त आपन मांग में सिंदूर भरेली और ना ही कउनो अउर श्रृंगार करेली | उ अपने सुहाग के निशानी तरकुलहा देवी  (गछवाहा समुदाय इहाँ के आकाशकामिनी माता के नाम से भी जानेला ) के पास रेहन रख के अपने पति के सलामती खातिर प्रार्थना करेली |

तरकुलहा देवी मंदिर

तरकुलहा देवी गछवाहा समुदाय के इष्ट देवी हइ | तरकुलहा देवी के मंदिर गोरखपुर से २० किलोमीटर के दुरी पर गोरखपुर-देवरिया मार्ग पर बा | पूर्वी उत्तर प्रदेश में इ हिन्दुअन के एगो प्रमुख धार्मिक स्थल हवे | गछवाहा औरत चइत के राम नवमी से लेके सावन के नाग पंचमी तक अइसे ही रहेली | ताड़ी के काम ख़तम होखले के बाद सब गछवाहा नाग पंचमी के दिने तरकुलहा देवी के मंदिर में जुट के पूजा करेने | पूजा के बाद गछवाहा महिलाये आपन-आपन मांग सिंदूर से भरेली और बाकी के भी श्रृंगार करेली |

Wednesday, December 17, 2014

का पाकिस्तान अब्बो सबक लेइ ?

गली में एगो पागल कुत्ता होखे अउर आप ओके रोज रोटी खिलावत बानी तब्बो आप ए बात के गारंटी ना दे सकेली कि उ आपके कब्बो ना काटी | काहे से कि पागल कुत्ता के भरोसा ना कइल जा सकेला | अइसही आतंकवाद एगो पागल कुत्ता ह और पाकिस्तान ओके रोज ही हथियार, धन और शरण के रोटी खिलावेला | लेकिन कल के भइल हमला ए बात के सबूत बा की आतंकवाद केहू के ना हो सकेला |


फोटो कर्टसी : आज तक


पाकिस्तान के पेशावर के एगो आर्मी पब्लिक स्कूल पे भइल बर्बर हमला हम सबके सामूहिक और सामाजिक चेतना के हिला के रख देहले बा | इ आतंकवाद के सबसे खतरनाक चेहरा हवे जेम्मे की मासूम बच्चन के भी नाहीं छोड़ल गइल | तालिबान के हथियारबंद आतंकवादी एगो स्कूल में घुस के कई घंटा तक वहशियाना ढंग से स्कूल के बच्चन और कर्मचारियन के निशाना बनावत रहले जेम्मे की 120 से अधिक लईकन के मौत हो गईल | तालिबान इ हमला के जिम्मेदारी लेत  एके पाकिस्तानी फ़ौज के ओकरे खिलाफ कइल जात खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्र में कारवाही ही बदला बतावत ह | लेकिन सबके मालूम बा की इ बसएगो आड़ ह | पाकिस्तानी फ़ौज त इ कारवाही एही साल जून में शुरू कईले रहे, लेकिन 2007 में अपने गठन से लेके आज तक पाकिस्तान तालिबान आज ले अल क़ायदा और अफगानिस्तानी तालिबान के रास्ता पर चलत बा और पाकिस्तान के कई शहर में आतंकी हमला कइले बा | इहे तालिबान दू साल पाहिले मलाला युसुफजई के भी बस एह लिए निशाना बनवलस  कि उ बच्चन के अधिकार और पढाई के बात करत रहली | हालत इ बा की बच्चन के अधिकार खातिर लडे वाला कैलाश सत्यार्थी के साथे नोबेल के शांति के पुरस्कार पइले के बादो मलाल आजुओ अपने देश ना लौट सकेली | आतंकवादियन खातिर बच्चन और औरतन के बीच में कउनो अतर ना ह | चाहे उ आईसआईस, बोको हरम, अल क़ायदा आ चाहे इ तालिबान | इ घटना पाकिस्तान के पूरा तंत्र के नाकामी के देखावत बा, जवन की तालिबान के फलले-फुलले के मौका दिहलस |

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ इ हमला के राष्ट्रीय आपदा कहत हवे, लेकिन एकरे साथे ही हमहन के इ पडोसी देश के आतंकवाद के मुद्दा पर आत्ममंथन भी करे के चाही | उ खुदे आतंकवाद से जुझत हवे लेकिन भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधि अंजाम देवे वाला सब के संरक्षण भी देत रहल बा | सही मायने में देखल जा त पेशावर में भइल हमला और दू दिन पहिले सिडनी में एगो सिरफिरा के कैफे में घुस के कुछ लोगन के बंधक बनावे वाला घटना इ बतावे खातिर काफी बा की कइसे आतंकवाद एगो वैश्विक खतरा बन गइल बा, कि कइसे एगो आतंकवादी भी करोडो लोगन के जान सांसत में डाल सकेला | पेशावर के घटना से ओ सब देशन के सबक लेवे के चाही जवान कि जाने अनजाने में आतंकवाद और आतंकवादियन के पनाह देवत हवें |

कुछ तथ्य :
संयुक्त राष्ट्र महासचिव द्वारा साल 2012 में जारी कइल गईल रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के 17 देश में कुल 3643 हमला भइल बा उहो बस शिक्षण संस्थान पर |
  • 3643 हमला 2012 में कुल 17 देश के शिक्षण संस्थानं पर |
  • 75 बच्चे और 212 शिक्षक प्रभावित भइने एह सब हमला में |
  • एह सब में 90 हमला सैन्य इस्तेमाल के 11 देशन पर |
  • 1241 स्कूल गिरा दिहल गईल 2008 से अब तक पाकिस्तान में |
  • 763 स्कूलन के नुकसान पहुचावल गईल |
  • 244 लडकियन के स्कूल क्षतिग्रस्त | 

कउनो भी आतंकी गुट इ न चाहेला की बच्चा सब तालीम हासिल करे सब और उनके नापाक इरादन के समझे एही से उ स्कूलन पर हमला करेन सब  |

Monday, December 8, 2014

दउरत-दउरत जिनिगी भार हो गइल - विजेन्द्र अनिल

दउरत-दउरत जिनिगी भार हो गइल,
भोरहीं में देखिलऽ अन्हार हो गइल।

केकरा के मीत कहीं, केकरा के दुश्मन,
बदरी में सभे अनचिन्हार हो गइल।

पुरवा के झोंका में गदराइल महुआ,
अचके में पछुआ बयार हो गइल।

दरिया में कागज के नाव चलि रहल,
गड़ही के पानी मँझधार हो गइल।

रेत के महल इहास बन्हले बा,
तुमड़ी के भाग, ऊ सितार हो गइल।

कतना उठान भइल दुनिया के,
प्रेम आउर कविता जेवनार हो गइल।