Saturday, October 11, 2014

करवा चौथ - का सरगी अउर बया मिलल ?

करवा चौथ के पवित्र त्यौहार पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर-प्रदेश बिहार और मध्य प्रदेश में बहुत ही उत्साह से मनावल जाला | विवाहित महिला अपने पति के लंबा उम्र खातिर इ कठिन व्रत रखेंली | पूरा दिन बिना पानी और बिना फल आ कउनो अन्य आहार के रहल वास्तव में बहुत ही कठिन काम ह | अपने  पति के लंबा उम्र और सकुशलता के प्रार्थना खातिर इ व्रत विवाहित स्त्री द्वारा रखल जाला |




भारत एगो विभिन्नता में अनेकता वाला देश हवे अउर इ बात करवा चौथ के व्रत में बहुत ही आसानी से देखल जा सकेला | देश के अलग अलग हिस्सा में इ त्यौहार अलग अलग तरीका से मनावल जाला पर फिर भी एक्के जइसन परंपरा के पालन भी होला |

       करवा चौथ के व्रत के मान्यता भी बहुते हवे | कार्तिक महीना के कृष्ण पक्ष के चतुर्थी के दिने महिलाये अपने सुहाग के अमरता और खुशहाली खातिर रखेंली सब | पूरा दिन निराहार और बिना पानी के व्रत रखले के बाद रात में जब चंदा मामा दिखाई देलें त छलनी से उनकर दर्शन कर के पति के हाथ से पानी पी कि इ व्रत के खोलल जाला | आज कल अविवाहित स्त्री जिनकर शादी तय हो गइल बा उहो लोग इ व्रत रखत बानी सभे |

       करवा चौथ में तीन चीज के बहुत ही खास महत्व हवे सरगी, बया और करवा | इ तीनो आपस में मिल के न सिर्फ पति पत्नी में बाकिर उनके परिवार में भी प्यार और सद्भावना बढावेला |

       सरगी उ उपहार होला जवन कि सास के द्वारा अपने बहू के देवल जाला | विवाहित लड़की के करवा चौथ के दिने सुबेरे-सुबेरे उनकर सास एगो टोकरी में खूब ढेर के फल, मेवा और पारंपरिक व्यंजन रख के सरगी के रूप में अपने बहू के बहुत प्यार से देवेंली | अब सवाल इ उठेला कि अगर करवा चौथ निराहार और निर्जला व्रत हवे त इ सब देहले के का फायदा | फायदा हवे कि इ सब उपहार सुबेरे सूरज निकलले से पहिले-पहिले देवल जाला जेसे कि बहू एके खा के आपन व्रत शुरू कर सके | इ सब खईले के बाद दिन भर के उर्जा मिलेला और कमजोरी नहीं होला | पर अगर लड़की के अब्बे शादी नइखे भइल त इ उपहार ओकरे घरे एक दिन पहिलही पहूँचा दिहल जाला |

       अब अगर बात कइल जा बया के त बया लड़की के माँ के तरफ से दिहल गइल उपहार होला | बया में पैसा, कपडा, मिठाई और फल होला | इ उपहार ना सिर्फ लड़की खातिर होला बल्कि ओकरे पूरा घर वालन खातिर भी होला जेम्मे कि सास- ससुर, पति, ननद और देवर आवेलें | साथे-साथे लड़की के खातिर गहना और कपडा होला, इहे कपडा पहिन के लड़की रात में आपन पूजा करेले और व्रत खोलेले |

       सरगी और बया के बाद अब करवा के बात कइल जा, करवा एगो माटी के बर्तन होला | एही करवा के पूजा कइल जाला और साथ में इहो प्रार्थना भी कि पति पत्नी के प्रेम अटूट होखे | पति पत्नी के बीच में प्यार और विश्वास के नाजुक धागा कब्बो कमजोर न होखे | माटी के बर्तन एही से प्रयोग कइल जाला कि इ प्रतीक हवे नाजुकता के अगर माटी के बर्तन के हल्का सा भी ठोकर लागेला त उ फूट जाला और फिर दुबारा नहीं जोडल जा सकेला | एही से हमेशा इ प्रयास करे के चाहीं कि पति और पत्नी के प्रेम और विश्वास के कब्बो ठेस ना लागे |

1 comment:

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    karwa chauth karwa

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